भारत के पर्वत
-भारत का लगभग 29.3 % भाग पर्वतो एवम पहाड़ो से ढका हुआ है।
-भारत की पर्वतो को विभिन्न भागो के बाँट कर सीख सकते है |
भारत का भूगोल :भारत का परिचय (Introduction to India)
हिमालय
भारत में हिमालय का विस्तार पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैला हुआ हैं।
हिमालय के लम्बवत वर्गीकरण के अनुसार, हिमालय को निम्न 4 भागो में बांटा जा सकता है –
पंजाब हिमालय – इसका विस्तार सिंधु नदी और सतलुज नदी के मध्य है।
कुमाऊ हिमालय – इसका विस्तार सतलुज नदी और काली नदी के मध्य है।
नेपाल हिमालय – इसका विस्तार काली नदी और तीस्ता नदी के मध्य है।
असम हिमालय – इसका विस्तार तीस्ता नदी और ब्रम्हपुत्र नदी के मध्य है।
हिमालय के क्षैतिज वर्गीकरण के अनुसार,हिमालय को 4 भागो में बांटा जा सकता है –
1)ट्रांस हिमालय
2)वृहद् / ग्रेट हिमालय
3)मध्य हिमालय
4)शिवालिक
1)ट्रांस हिमालय
ट्रांस हिमालय में 3 प्रमुख पर्वतमाला है –
काराकोरम –
-इसकी की सबसे ऊँची चोटी – K2 (गॉडविन ऑस्टिन) है जो कि POK में स्थित है।
-इन्ही पर्वतो में भारत का सबसे ऊँचा और सबसे बड़ा ग्लेशियर – सियाचिन ग्लेशियर भी स्थित है।
लद्दाख-
-इसकी की सबसे ऊँची चोटी – रकापोशी है।
जास्कर-
-इसकी की सबसे ऊँची चोटी – कामेत है।
2)वृहद् / ग्रेट हिमालय
-यह हिमालय की सर्वाधिक सतत और सबसे ऊँची श्रेणी है, जिसकी औसत ऊँचाई लगभग 6000 मी. है|
-हिमालय की सबसे ऊँची चोटियाँ इसी पर्वत श्रेणी में पायी जाती हैं|
-भारत /ग्रेट हिमालय की सबसे पूर्वी पर्वत – नामचा बरवा
-भारत /ग्रेट हिमालय की सबसे पश्चिमी पर्वत – नंगा पर्वत
-पश्चिम से पूर्व की ओर पर्वतो का क्रम
नंगा पर्वत —-नंदा देवी (उत्तराखंड) —-माउंट एवेरेस्ट (नेपाल) —-कंचनजुंगा (सिक्किम) —–नामचा बरवा
-भारत की सबसे ऊँची चोटी – कंचनजुंगा है जो कि सिक्किम राज्य में स्थित है।
3)मध्य हिमालय
-यह हिमालय का सबसे अधिक जैव विविधता वाला भाग है ।
-यहाँ अनेक पर्यटक स्थल पाए जाते है जैसे – शिमला, मनाली, नैनीताल, दार्जलिंग इत्यादि।
-यहाँ अनेक घास के मैदान भी पाए जाते है
राज्य – घास का मैदान
जम्मू कश्मीर – मार्ग
उत्तराखंड – बुम्माल
हिमांचल प्रदेश – पयार
मध्य हिमालय में 2 प्रमुख पर्वतमाला है –
पीर पंजाल
-इसकी की सबसे ऊँची चोटी – कैलाश है।
धौलाधार
-इसकी की सबसे ऊँची चोटी – हनुमान टिब्बा है।
4)शिवालिक
-शिवालिक हिमालय का सबसे क्षरित भाग है
-यह सबसे मुलायम चट्टानों से बना है।
-शिवालिक हिमालय के मध्य पायी जाने वाली घाटी को ‘दून’ कहा जाता है| देहारादून, कोटलीदून, पाटलीदून प्रसिद्ध दून घाटियों के ही उदाहरण हैं|
अरावली की पहाड़िया
-अरावली की पहाड़ी विश्व की सबसे प्राचीनतम पर्वतो में से एक है।
-इसका विस्तार राजस्थान राज्य में है।
-इसकी सबसे ऊँची चोटी- गुरु शिखर है।
विंध्य पर्वत श्रंखला
-विंध्य श्रेणी उत्तर भारत व दक्षिण भारत को विभाजित करती है।
– इसकी सबसे ऊँची चोटी – पारसनाथ की पहाड़ी है जो कि झारखण्ड में छोटा नागपुर के पठार में स्थित है।
सतपुड़ा की पहाड़िया
-इसकी सबसे ऊँची चोटी – धूपगढ़ है।
-महादेव की पहाड़ी पर पंचमणी (मध्य प्रदेश ) नामक पर्यटक स्थल है जो सतपुड़ा का ही भाग है।
-मैकाल पर्वत भी सतपुड़ा का ही भाग है जिसकी सबसे ऊँची चोटी अमरकंटक है।
दक्षिण भारत की पहाड़िया
नीलगिरि की पहाड़ी
-यह पहाड़ी पूर्वी घाट को पश्चिमी घाट से जोड़ने का काम करती है।
-इसकी सबसे ऊँची चोटी – डोडाबेटा है।
अनामलाई की पहाड़ी
-इसका विस्तार केरल में है।
– इसकी सबसे ऊँची चोटी – अनाईमुडी है। अनाईमुडी दक्षिण भारत की सबसे ऊँची चोटी है।
कार्डमम की पहाड़ी
-इसकी सबसे ऊँची चोटी – अगस्तमालाई है।
-यह भारत की सबसे दक्षिणी पहाड़िया है।
उत्तर पूर्वी भारत की पहाड़िया
मेघालय की पहाड़ी
-मेघालय में इन पहाड़ियों पर निवास करने वाली जनजातियों के आधार पर इन्हे ३ भागो में बांटा जाता है –
1. गारो
2. खांसी
3. जयंतिया
पटकाई बूम – यह भारत (अरुणांचल प्रदेश ) और म्यांमार की सीमा बनता है।
नागा पहाड़ी – नागालैंड राज्य में स्थित है।
मिज़ो पहाड़ी – मिजोरम राज्य में स्थित है।
आराकोनयामा पहाड़ी – यह भारत को म्यांमार से अलग करने का काम करती है।