भारत की नदियाँ

भारत का अपवाह तंत्र (भारत की नदियाँ)

अपवाह तंत्र एक ऐसा नेटवर्क है जिसमें नदियां एक दूसरे से मिलकर जल के एक दिशीय प्रवाह का मार्ग बनाती हैं। किसी नदी में मिलने वाली सारी सहायक नदियां और उस नदी बेसिन के अन्य लक्षण मिलकर उस नदी का अपवाह तंत्र बनाते हैं।

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भारत की अपवाह तंत्र को मुख्यतः २ भागो में बांटा जा सकता है –
1) हिमालय का अपवाह तंत्र (नदी प्रणाली)
2) प्रायद्वीपीय का अपवाह तंत्र (नदी प्रणाली)

भारत की नदियाँ
Image Source: NCERT

हिमालय का अपवाह तंत्र (नदी प्रणाली)-

सिंधु नदी तंत्र

-सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर झील (बोखार चाऊ ग्लेशियर) से हुआ है।
-इसकी कुल लम्बाई 2880 km है।
-इस नदी के दाये ओर प्रसिद्ध पर्यटक स्थल लेह स्थित है।
-इसकी 5 प्रमुख सहायक नदियाँ है –
1.चेनाब नदी
2.झेलम नदी
3.रावी नदी
4.सतलुज नदी
5.व्यास नदी

चेनाब नदी

-चेनाब सिंधु नदी के सबसे बड़ी सहायक नदी है।
-इस नदी का उद्गम हिमांचल प्रदेश के ख१२ लारा दर्रा (लाहुल में बाड़ालाचा ला दर्रे) से होता है।
-इस नदी को हिमांचल प्रदेश में चंद्रभागा के नाम से भी जाना जाता है क्योकि यह हिमांचल प्रदेश की दो नदियों (चंद्रा नदी और भागा नदी ) से मिलकर बानी है।

झेलम नदी

-इसका उद्गम वेरीनाग झील से होता है।
– इसके किनारे श्रीनगर शहर स्थित है।

रावी नदी
-रावी नदी का उद्गम हिमांचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे से होता है।

सतलुज नदी
-इसका उद्गम तिब्बत के राक्षस ताल से होता है।
व्यास नदी

-इस नदी का उद्गम स्थान भी हिमांचल प्रदेश का रोहतांग दर्रा है।
-व्यास नदी सतलुज नदी से हरिके (पंजाब ) नामक स्थान पर मिलती है। हरिके से ही भारत की सबसे लम्बी नहर -इंदिरा गाँधी नहर की शुरुआत होती है।

गंगा नदी तंत्र

-गंगा नदी उद्गम उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित गोमुख के गंगोत्री ग्लेशियर से हुआ है।
-गंगा नदी भारत की सबसे लम्बी नदी है जिसकी लम्बाई 2525 km है।
-गंगा को राष्ट्रीय नदी का दर्जा 2008 में मिला।
-गंगा को बांग्लादेश में पद्मा के नाम से जाना जाता है।
कानपुर शहर इस नदी के किनारे स्थित सबसे बड़ा शहर है।
-इसकी प्रमुख सहायक नदी है –
यमुना नदी
कोसी नदी
गोमती नदी
दामोदर नदी
घाघरा नदी
गंडक नदी
रामगंगा

यमुना नदी

-यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
-इसका उद्गम उत्तराखंड के बंदरपूछ में स्थित यमनोत्री ग्लेशियर से होता है।
-इसका प्राचीन नाम कालिंदी था।
-दिल्ली शहर यमुना नदी के किनारे स्थित है।
-इसकी प्रमुख सहायक नदी है –
          चम्बल नदी – इसका उद्गम जानपाव पर्वत (इंदौर ) से होता है। चम्बल यमुना से इटावा में मिलती है।
         बेतवा नदी – इसका उद्गम भोपाल से होता है। साँची शहर इसी नदी के किनारे स्थित है। बेतवा यमुना से हमीरपुर में मिलती है।
          केन नदी

कोसी नदी

– यह नदी मुख्य रूप से बिहार में बहती है।
– इसे बिहार का शोक कहा जाता है।

दामोदर नदी

– यह नदी मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में बहती है।
– इसे बंगाल का शोक कहा भी जाता है।
– इसका उद्गम स्थान छोटा नागपुर का पठार है।
-इसे जैविक मरुस्थल भी कहा जाता है।
– यह आगे चलकर हुगली नदी से मिलती है।

गोमती नदी

-इसका उद्गम पीलीभीत में फुलहर झील (गोमत ताल ) से होता है।

सोन नदी

-इसका उद्गम मध्य प्रदेश में अमरकंटक की पहाड़ियों से होता है।

ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र

-ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर झील ( चेमायुंगडुंग ग्लेशियर ) से होता है।
-ब्रह्मपुत्र को विभिन्न नामो से जाना जाता है-
             चीन में सांगपो
             अरुणाचल प्रदेश में दिहांग
             असम में ब्रह्मपुत्र
             बांग्लादेश में जमुना
-विश्व का सबसे बड़ा नदीय द्वीप – मञ्जुली द्वीप ब्रह्मपुत्र नदी में असम में स्थित है।
– इस नदी पर स्थित प्रमुख शहर है – डिब्रूगढ़ (असम ) व गुवाहाटी (असम )
-ब्रह्मपुत्र नदी की महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ है –
देबांग
सनकोसी
सनसूरी
मानस

विश्व के सबसे बड़े डेल्टा – सुंदरवन डेल्टा का निर्माण गंगा व ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा किया जाता है। इसे सुंदरवन डेल्टा इसमें पाए जाने वाले सुंदरी वृक्ष के कारण कहा जाता है।

प्रायद्वीपीय का अपवाह तंत्र (नदी प्रणाली)-

नर्मदा नदी

-नर्मदा का उद्गम मध्य प्रदेश में अमरकंटक की पहाड़ियों से होता है।
-यह भ्रंश घाटी से होकर बहने वाली नदी है (विंध्य और सतपुड़ा के बीच)
-यह मध्य प्रदेश (सबसे अधिक ),महाराष्ट्र ,गुजरात से होते हुए अरब सागर में जाकर गिरती है। अरब सागर में गिरने वाली सबसे बड़ी नदी है।
-इसका प्रवाह पूर्व से पश्चिम की ओर है अर्थात यह पश्चिम की ओर बहने वाली नदी है।
-जबलपुर शहर इस नदी के किनारे बसा एक प्रमुख शहर है।

तापी नदी

-तापी का उद्गम मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मुल्ताई की पहाड़ियों से होता है।
-यह भ्रंश घाटी से होकर बहने वाली नदी है ( सतपुड़ा और अजंता के बीच)
-यह मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र (सबसे अधिक ) ,गुजरात से होते हुए अरब सागर में जाकर गिरती है।
-इसका प्रवाह पूर्व से पश्चिम की ओर है अर्थात यह भी पश्चिम की ओर बहने वाली नदी है।
-सूरत शहर इस नदी के किनारे बसा एक प्रमुख शहर है।

गोदावरी नदी

-गोदावरी नदी का उद्गम नासिक के त्रियम्बक पहाड़ी से होता है।
-यह महाराष्ट्र (सबसे अधिक ) ,तेलंगाना , छत्तीसगढ़ ,आंध्र प्रदेश से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है।
-यह दक्षिण भारत / प्रायद्वीप भारत की सबसे लम्बी नदी है।
-इसे अन्य नामो से भी जाना जाता है – दक्षिण गंगा और बूढ़ी गंगा
-इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है –
             पेनगंगा – गोदावरी की सबसे बड़ी सहायक नदी
             वर्धा नदी
             इंद्रावती नदी
             मंजरा नदी

कृष्णा नदी

-कृष्णा नदी का उद्गम महाराष्ट्र में महाबलेश्वर पहाड़ी से होता है।
-यह महाराष्ट्र,कर्नाटक (सबसे अधिक ) ,तेलंगाना,आंध्र प्रदेश से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है।
-श्रीरंगपटनम (कर्नाटक ) शहर इसी नदी के किनारे स्थित है।
-इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है –
     तुंगभद्रा नदी – कृष्णा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। हम्पी शहर इसी नदी के किनारे है।
     डॉन
    भीमा
    पंचगंगा
    दूधगंगा
    मालप्रभा
    घाटप्रभा

कावेरी नदी

-कावेरी नदी का उद्गम कर्नाटक में ब्रह्मगिरि पहाड़ी से होता है।
-यह कर्नाटक (सबसे अधिक ) और तमिलनाडु से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है।
-कावेरी को दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है।

महानदी

-महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ में रामपुर जिले के सिहाबा पहाड़ी से होता है।
-यह छत्तीसगढ़ (सबसे अधिक ), मध्य प्रदेश और ओडिशा से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है।
-कटक शहर इसी नदी के किनारे स्थित है।

माही नदी

-यह नदी कर्क रेखा (२२ १/२ ०) को दो बार कटती है।

लूनी नदी

– राजस्थान में बहती है।

स्वर्णरेखा नदी

-इसका उद्गम झारखण्ड के छोटा नागपुर के पठार से होता है।
-यह झारखण्ड ,पश्चिम बंगाल ,ओडिशा में बहती है।
-जमशेदपुर शहर इसी नदी के किनारे स्थित है।

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